“साथ नहीं देती परछाई” इंदौर के प्रसिद्ध आशुकवि प्रदीप नवीन का पहला ग़ज़ल संग्रह है। उनकी पूर्व में गीत, काव्य और व्यंग्य पर कृतियां प्रकाशित हो चुकी है। पाँच दशक से नवीन जी लेखन और साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। लेकिन क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करते हैं। यही वजह […]

सियासत की शतरंज से बाहर निकलकर बादशाह , वजीर और प्यादे सब एक ही अंदाज में नज़र आए तो समझ लेना होली है । पड़ोसी घुरता है इस बात की शिकायत जो दिन रात करती है वही पड़ोसन जब चिढ़ाती हुई गुजर जाए तो समझ लेना होली है सरहदों पर […]

दिन प्रतिदिन चढ़ने लगा, राजनीति का रंग। विनम्र ,अनुशासित हुए ,नेताजी के ढंग ।। हाथ जोड़ नेता खड़े, जनता है हैरान । किसे दिलाए विजय श्री, हर एक परेशान।। बड़े घोषणा पत्र है, दिन के स्वप्न समान । बातों की बाजीगरी,भटकाती है ध्यान ।। कहते सभी चुनाव में, होगी पक्की […]

उज्जैन । नगर के युवा कलमकार एवं शब्द प्रवाह पत्रिका के संपादक संदीप सृजन को उदयपुर की साहित्यिक संस्था युगधारा के तत्वावधान में आयोजित भव्य समारोह में श्रीमती उमरावदेवी धींग साहित्योदय सम्मान 2018 से सम्मानित किया गया । 20 नवम्बर को सेन्ट्रल एकेडमी उदयपुर में आयोजित समारोह की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध […]

-संदीप सृजन तमाशा तो वही चलता निरंतर पांच सालों तक। जमूरा और होता है मदारी और होता है।। इन पंक्तियों के लेखक, स्वातंत्र्योत्तर हिंदी काव्य के विकास में पिछले पांच दशक में जिनका अनवरत योगदान रहा, श्रेष्ठ कवि एवं लोकप्रिय ग़ज़लकार चंद्रसेन विराट 15 नवम्बर को अपनी अनंत यात्रा पर […]

प्रदेश की बड़ी पंचायत के चुनाव की तैयारी का बिगुल बजते ही प्रतिष्ठित राजनीतिक पार्टीयों की तैयारी प्रारंभ हो गई । विभिन्न क्षेत्रों से हजारों उम्मीदवारों के आवेदन चुनाव लड़ने के लिए पार्टी कार्यालय में जमा होने लगे थे। पार्टी के वरिष्ठजनों को इन आवेदनों के आधार पर टिकट बांटने […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।