अभिभूत, आज बाबा साहेब आंबेड़कर का वह सबक याद आ गया जब उन्होंने कहा था हमारी शिक्षा मालिक पैदा करने लिए होना चाहिए नाकि नौकर। इतर हम नौकर बनने का पाठ पढ़ रहें तभी तो देश में मालिक नहीं नौकरों की बाढ़ आ रही है। आह्लादित भविष्यतर देश  को आजादी […]

       राजनीति की डगर बहुत कठिन मानी जाती है लेकिन इस पर चलने वालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। भागदौड़ में राजनेताओं के पुत्र पुत्रियां भी पीछे नहीं है, अच्छी खासी तादात में इनका दखल राजनीति में बढ़ता ही जा रहा है । बावजूद  यहां मामला कुछ उल्टा […]

अटल बिहारी वाजपेयी जयंती विशेषालेख युगो-युगिन तप, कर्म, त्याग और बलिदान से अटल बिहारी वाजपेयी जैसे राष्ट्रनेता के दीदार देश को होते है। हम खुशनसीब हैं कि हमें ऐसे महामना का साया मुनासिब हुआ। अटल जी का समर्पण, नेतृत्व, राजनीति, समरसता, कर्तव्यनिष्ठा, राष्ट्रवादिता और भाषा-भाषण की अटूता सारे जहां से […]

      उन्हें नजरअंदाज ना करों जो तुम्हारी बहुत परवहा करते है, वरना एक दिन पत्थर चुनते-चुनते हीरा गवा दोगें।  ये कहावत तब चरितार्थ हुई जब मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव के परिणाम सामने आए। यहां विधायक हराते-हराते लोगों नेे अपनी सरकार ही गवां दी। वह सरकार हरा दी जिसे बनाये रखना […]

विचारणीय कोई खां-खां के मरता है तो भूख रहकर यह दंतकथा प्रचलित होने के साथ फलीभूत भी है। ये दोनों ही हालात में भूख को लाइलाज बीमारी बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड रहे है। लिहाजा, भूख और कुपोषण एक सिक्के के दो पहलु हैं जहां तक कुपोषण की […]

      युग दृष्टा, कर्मयोगी और सामाजिक चिंतक पं. दीनदयाल उपाध्याय का जीवन दर्शन हम सबके के लिए प्रेरणादायी हैं। वह कपटरहित, निष्ठावान व्यक्तित्व और राष्ट्रीय कृतित्व से अभिभूत भारत माता के सच्चे पुजारी थे। उनके बुद्धि कौशल व राजनैतिक चातुर्य और निस्वार्थ देशप्रेम के भाव से ही वे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।