छल,कपट,प्रपंच ,झूठ है सामाजिक अपराध इनसे जितना दूर रहो उतना जीवन हो शांत ईर्ष्या, द्वेष, प्रतिशोध भी जीवन के लिए अभिशाप पथभ्रष्ट बना देते निज को भुगतना पड़ता सन्ताप बुराई जो सभी छोड़कर सद्गुण अपनाते दिनरात उनका जीवन सुखमय रहे खुशियों की हो बरसात। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ […]