मुझे प्यार हुआ भी, और नहीं भी। इक़रार हुआ भी, और नहीं भी। हम तो ताकते रहे , उस चाँद की राह रातभर, बादलों की ओट से, दीदार हुआ भी,और नहीं भी।           #प्रीती दुबे परिचय : मध्य प्रदेश में ही निवासरत प्रीति दुबे प्रधानमंत्री सड़क […]

अब स्वर्ग सिधार चुके एक ऐसे जनप्रतिनिधि को जानता हूं,जो युवावस्था में किसी तरह जनता द्वारा चुन लिए गए तो मृत्युपर्यंत अपने पद पर कायम रहे। इसकी वजह उनकी लोकप्रियता व जनसमर्थन नहीं,बल्कि एक अभूतपूर्व तिकड़म थी। इसमें उनके परिवार के कुछ सदस्य शामिल होते थे। दरअसल उन साहब ने […]

रचनात्मकता,खत्म हुई शायद, नकलों का जहाँ,बोलबाला है। झूठे लोगों की,जय-जयकार, सच्चे का मुँह यहाँ काला है। पंगु जहाँ,चढ़ने लगे पहाड़, सज्जन के,मुहँ पर ताला है। जहाँ बैठे भोले,बने सियार समझो,कुछ गड़बड़ झाला है। जहाँ जीते, हारे बैठे हैं, हारों के गले,विजयमाला है। समझ की बहती,नदी नहीं, समझो,अज्ञान का नाला है। […]

शब्दों का नहीं होता कोई आकार या प्रकार, फिर भी शब्द चुभते हैं। शब्दों का नहीं होता है कोई वजन, फिर भी शब्द चोट करते हैं। शब्दों में नहीं होती है ज्वलनशीलता, फिर भी शब्द जलाते हैं। शब्दों में नहीं होते हैं दवा के गुण, फिर भी शब्द मन के […]

बॉलीवुड ने भारत को इतना सब कुछ दिया है…?? तभी तो आज देश यहाँ है..बलात्कार और गैंग रेप करने के तरीके,विवाह किए बिना लड़का-लड़की का सम्बन्ध बनाना और विवाह के दौरान लड़की को मंडप से भगाना तो है ही। चोरी-डकैती करने के नए-नए तरीके,भारतीय संस्कारों का उपहास उड़ाना,लड़कियों को छोटे […]

मित्रों नमस्कार, मेरा यह लेख धन्यवाद स्वरूप मेरे उन अनुयायियों (फालोअर्स)नहीं ,बल्कि उन विरोधियों को समर्पित है जिन्होंने अपने पारदर्शी लेकिन सच से परे होने वाले लेख पर मुझे यह लिखने के लिए प्रेरित किया है। हमेशा से ही सोशल मीडिया पर ऐसे चिकित्सा लेखों की भरमार रही है जिसमें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।