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मेरे घर नई कामवाली बाई ने काम शुरु किया जो बहुत गरीब थी। साथ में ४ बच्चे-३लड़की, १ लड़का। मैंने पूछा-आज के समय में इतने बच्चे.. कहने लगी कि, बेटे के इंतज़ार में लड़कियां हो गयी। पति ज्यादा कमाता भी नहीं था। जो कमाता था वो दारु में उड़ा देता […]

उस दिन शर्मा जी के यहाँ बहुत चहल-पहल थी। ऊपर वाले गेस्ट रूम की सफाई हो रही थी। दीवारों पर कौन -सा रंग लगाया जाए,इस बात पर बहस हो रही थी और हो भी क्यों न, तीन साल बाद उनका बेटा सिद्धान्त जो आ रहा था जर्मनी से।मिसेज शर्मा ने […]

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इस बार गर्मी की छुट्टी में मुझे नाना जी के यहाँ जाने की बहुत ख़ुशी हो रही थी,क्योंकि मुझे मालूम था कि नाना जी ने एक छोटा-सा पप्पी (कुत्ते का बच्चा )पाला है। मुझे पशुओं से बहुत लगाव है। रास्ते भर मैं उसके बारे में सोचती रही,पर मेरी छोटी बहन […]

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पता नहीं क्यों, हर अच्छे कार्य और दिवस की शुरुआत आंदोलन से ही हुई है, चाहे वो महिला दिवस हो या आज उपभोक्ता दिवस| सबसे पहले उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत अमेरिका के रल्प नाडेर के नेतृत्व में हुई और तब १८६२ को अमेरिकी कांग्रेस में जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता […]

रंग होली के सबको सुहाने लगते हैं, अरे ! अस्सी साल के दादा भी, आज दीवाने लगते हैं । रंग होली के देखो गज़ब कर जाते हैं, काले-गोरे सभी को, एक कर जाते हैं । रंग होली के देखो क़यामत करते हैं, होली के बहाने लोग गालों को, छूने की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।