कभी तुमसे कह देंगे, कभी मुस्कुरा देंगे।। कभी तुम अगर रूठे, तो हम माना लेंगे।। पर सुनो..याद तुम रखना, इस प्यार को हम मौन ना होने देंगे।। तुम्हे दिल मे रखेंगे, धड़कन बना लेंगे ।। तेरी साँस पे अपना, जीवन सजा लेंगे ।। पर सुनो.. हम कभी तुमको, खुद से […]

तेरा चेहरा फूलों की तरह है मेरे लिए । तुम कभी ना मुरझाना मेरे लिए ।। ये वक़्त भी कट जाएगा में हूँ सदा तेरे लिए । तेरे साथ चलूँगा सदा हाथ में हाँथ लिए।। थामा है दामन तेरा मैंने जीने के लिए। मत छोड़ना अकेला मुझे मरने के लिए […]

मत रुठ के यूँ बैठ समन्दर उदास है।। ऐ नदिया समंदर को तेरी ही प्यास है।। बलखाती तू मिलती है उसके जब गले, उस लम्हे की लिए हुए बैठा वो आस है। तेरे रुकने से रुक जाएंगे ये सारे नज़ारे, तेरे रूठने का ये रुका हुआ अहसास है।। कितना अजीब […]

मुझे अकेला मत छोड़ना ना प्रिये । कहाँ जाऊँगा मैं तुम बिन प्रिये ।। बैठूँ मैं तेरे काँधे पर सर रखकर प्रिये । कहाँ मिलेगा ऐसा आराम मुझे तुम बिन प्रिये ।। हाथों में हाथ सदा ऐसे ही थामे रखना प्रिये । नहीं तो रास्ता भटकना तह हैं तुम बिन […]

तुम सब जानती हो,में कैसा हूँ, कँहा हूँ, अधरों में छुपी बातों को भी तुम जानती हो कि मैं कैसा हूँ, कँहा हूँ।। मेरे बिना कहे समझ भी लेती हो,पढ़ लेती हो, यही तो है तेरा प्यार मेरे लिए कि बिना कहे सब कुछ समझ लेती हो, जो जोड़े रखता […]

वीणावानी सुर मधुर विकास दे, श्वेतवस्त्री ज्ञान को निखार दे। वाणी मुझे ऐसी दे जो ओरों को प्रखर सके, विद्या दे तो ऐसी दे जो ओरों को समझ सके। खुद से पहले दूसरे का;ऐसा भी तू ज्ञान दे, होगा सर्वसम्मति से ऐसा वरदान दे॥ शारदे माँ! सत्यता रहेगी पूरी सृष्टि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।