साहित्य में क्षेत्रीय बोलियों का बोलबाला न हो तो वह नीरस सा हो जाता है | जी हाँ मैं आँचलिक भाषा के महत्व व विकास की ओर आप सभी का ध्यानाकर्षण चाहूँगा | मेरे पुरोधा आ० शिवपूजन सहाय जी ने पहली बार देहाती दुनिया लिख कर आँचलिक उपन्यासकारों की कतार […]

जाओ, तल्ख़ ख़बर लाओ जी ना हो तो तुम बन जाओ जी तरसे तन जिनके गमछे बिन उनके लिए कफ़न लाओ जी सीधी राह जो चलते हो तो धूल-धुंध में सन जाओ जी खुले वसन इच्छा सोई है उसके लिए बटन लाओ जी विधुर स्वप्न भटके मन-द्वारे यादें ! रमणी […]

बाबू जी नहीं रहे, यह खबर सभी रिश्ते-नातेदारों तक पहुँच खई ।  सुदूरवर्ती बेटे को टेलीफून से सूचित कर दिया गया । वह ठीक समय पर पहुँच गया ।  शाम तक  अंतिम क्रियाकर्म के लिए सभी  आ चुके थे। घर के बाहर लोगों का जमावड़ा था। महिलाओं ने बड़ी मुश्किल […]

आज देश महफूज कहाँ है अपने ही गद्दारों से सीमा पर तो रण करलेंगे निपटें कैसे खोटों से कौन कहे इन हैवानों की करतूतें कब होंगी कम बच्चा बच्चा चीख रहा है और सभी की आँख है नम जुबां जुबां बोले फिर अब तो इन्कलाब की बोलियाँ अपने ही अपनों […]

मित्रों, यह आलेख खासकर उन विद्यार्थियों के लिए है… जो स्कूल की पढाई कर रहे हैं…| साथ ही उन युवाओं के लिए भी जो बिना लक्ष्य के जीवन जी रहे हैं…| या उन सभी के लिए… जिन्हें अपना लक्ष्य बनाने में मुश्किल होती है…| तो चलिए… शुरू करें…! मित्रों, अभी […]

नवलगढ़ | 23 जनवरी को , राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय कवि चौपाल के प्रथम प्रांतीय अधिवेशन में मैनपुरी जिले के इकहरा के रहने वाले मनोज कुमार “मंजू” को नवलगढ़ की धरती पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नवलगढ़ के कवि मुकेश मारवाड़ी की पुस्तक ‘सरहद के रखवाले’ का लोकार्पण भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।