ये लोकतंत्र का तमाशा मैं रोज़ यहाँ देखता हूँ मैं अँधेरे में रहता हूँ,पर कोई अंधा नहीं हूँ लगता है आप भाषणों से सब को खरीद लेंगे मैं बाज़ार में बैठा हूँ,पर कोई धंधा नहीं हूँ हैं जान बहुत बाकी अभी,यूँ जाया न कर मुझे मैं जनाज़े में तो हूँ,मैय्यत […]
कविता ने तुम्हारा कितना ख़्याल रक्खा है कि हर एक शब्द को सँभाल रक्खा है स्वर उठे तो नाज़ बने,व्यंजन उठे तो नखरे हर वर्तनी को करीने से देख-भाल रक्खा है हर मिसरे में घुल जाता है लावण्य तुम्हारा हर्फ़ों में छुपा मतलब क्या कमाल रक्खा है जो जवाब निकल […]
तेरे ख़्वाबों से है वास्ता कोई इन निगाहों से है रास्ता कोई उसे देखके मैं खिल उठता हूँ बच्चे में बसा है फरिश्ता कोई हमें तो हर धर्म की तहज़ीब है मेरा वतन ही है गुलिस्तां कोई चाँद जो यौवन के उरूज पे है मेरे महबूब सा है शाइस्ता* कोई […]
मुझे संभालो कि मुझे गुमाँ हो गया मैं किसी चाँद का आसमाँ हो गया कितना सच्चा है प्यार मेरा देखिए मैं किसी बच्चे की ज़ुबान हो गया इश्क़ मेरा जज़बात से महरुम नहीं मैं किसी बेघर का मकान हो गया मेरे इश्क़ पे सियासत की छींटें नहीं मैं होली तो […]
अगर भूख कौम के रास्ते आती है तो रोटी का भी कोई धर्म बता दो आप धनाढ्य हैं,आप बच जाएँगे खेतिहरों का भी कोई साल नर्म बता तो दिल्ली की बाँहों में हैं सब रंगीन रातें किसी मल्हारिन का भी चूल्हा गर्म बता दो बेटियों से ही सब उम्मीद की […]
इन लहजों ने कुछ तो छिपा रक्खा है कहीं आँधी कहीं तूफाँ उठा रक्खा है आँखों के दरीचे में काश्मीर दिखे हैं हर अँगड़ाई में बहार बिछा रक्खा है हुश्न का मजाल तो अब समझ में आया दिल्ली कभी पंजाब जगा रक्खा है तुम्हारे नाम की जिरह शुरू हुई जैसे […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।