परमात्मा हर संकट हरते सदइच्छा हर पूरी करते बिन मांगे सब मिल जाता है प्रभु को पता चल जाता है वे ही है पालनहार हमारे लगते है हमको वे प्यारे आप समान बनाते प्रभु पतित से पावन बनाते प्रभु आत्म स्वरूप मे रहना सीखाते शांति सदभाव का पाठ पढ़ाते हर […]

अमृत बेला जो उठते है याद प्रभु को जो करते है प्रभु उनसे बतियाते है अपना वारिस बनाते है वे ही सदा पुण्य पाते मनोरथ उनके पूरे हो जाते असीम सुख वे पाते है स्वर्णिम समय अमृत बेला याद प्रभु को करो बैठ अकेला जो चाहोगे मिल जायेगा संकट सारा […]

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ यह अभियान आगे बढ़ाओ बहन बेटियो को सम्मान दो नारी सुरक्षा को आयाम दो माँ का बुढ़ापा संवर जाये जीवन संगिनी सम्मान पाये नारी को बराबरी का हक मिले अबला शब्द से उसे मुक्ति मिले देवी स्वरूपा होती है नारी जगत जननी कहलाती नारी ग्रह नक्षत्र […]

अजन्मा, अविनाशी ,अशरीरी है शिव हम सबका पालक परमात्मा है शिव खुशी,सुख,प्रेम ,आंनद वह देता है समेटकर दुःख सारे, वह हर लेता है पिता,गुरु,शिक्षक का शिव से नाता है ज्ञान,सेवा,धारणा वह सिखलाता है अशांति,द्वेष,तनाव दूर भाग जाते है शांति,सदभाव आकर बस जाते है ज्योतिबिंदु स्वरूप है परमात्मा उसी स्वरूप में […]

ईश्वर ने भेजा था उनको ईश्वरीय सेवा करने के लिए शोभा से ह्र्दयमोहिनी बनी जनकल्याण करने के लिए आठ साल की बाली उम्र में उनमें रूहानियत आ गई थी परमात्म साक्षात्कार हुआ उनकी काबिलियत छा गई थी चार दर्जे तक पढाई करके कई भाषाओं की ज्ञाता बनी ईश्वरीय वरदान ऐसा […]

घाव भर जाता है गोली का नही भर पाता है बोली का बोली गैर को अपना बनाती बोली ही अपनो को गैर बनाती जीवन मे अहम है बोली विष से भी घातक है बोली मधुर बोली खुशियां बरसाती कड़वी बोली कष्ट पहुंचाती मीठी बोली सबको भाती सबको अपनी ओर लुभाती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।