भावना के रंगों से बनी मेरे इश्क की तस्वीर हो तुम,
देखा जिसको पूरी रात वो हसीन ख़्वाब हो तुम,
गाते हैं गुनगुनाते हैं जिसको तेरे साथ
मेरे इश्क़ को बयां करती आवाज़ हो तुम,
मेरे इश्क की तस्वीर हो तुम.
तेरी नज़रों में दिखता सदा मेरे लिए प्यार,
डर भी था हमें ज़माने का फिर भी किया इकरार.
आज अभी हम जी रहे हैं उस दौर को
मेरे इंतज़ार के हर पल की गवाह हो तुम.
मेरे इश्क की तस्वीर हो तुम.
तेरे इश्क की थी रहमत जो हम ये मुकाम पाए,
दुआ है उस खुदा से सफ़र बस ये यूँ ही कटता जाए ,
“हर्ष” करते हैं जिसकी पूजा रात दिन
मेरे इश्क के मंदिर की वो मूरत हो तुम,
मेरे इश्क की तस्वीर हो तुम.
#प्रमोद कुमार