कृपया समय निकालकर अपनी बैंक शाखा में निम्न शिकायत दर्ज करवाएं और बैंक का ठप्पा प्राप्ति स्वीकृति(पावती) हेतु जरुर लगवा लेंl आपका सहयोग, ऐसे करोड़ों लोगों के काम आएगा जो न तो अंग्रेजी पढ़ पाते हैं और न ही समझ पाते हैं,उनके बैंक खाते खोले गए हैं,वे खाताधारक हैंl वे गरीब हैं,किसान हैं अथवा हमारी तरह महानगरों में नहीं गाँवों में रहते हैं और वे अभी भी हिंदी-भारतीय भाषा ही लिखते,पढ़ते और बोलते-समझते हैंl हमने भारतीय स्टेट बैंक,भारतीय रिज़र्व बैंक,वित्त मंत्रालय एवं प्रधानमन्त्री कार्यालय को पिछले ८ वर्ष में अनेक बार पत्र लिखे हैं,अनेक शिकायतें दर्ज करवाई हैं पर परिणाम सफलतादायक नहीं रहाl पत्र में अपने बैंक का नाम और अपनी पसंदीदा भाषा का बदलाव आप कर सकते हैं,शिकायत भारतीय स्टेट बैंक और हिंदी के हिसाब से लिखी गई है,इसलिए अधिक से अधिक लोग जब शिकायत करेंगे तो बैंकों में सुधार की शुरुआत होगीl आशा है आप निराश नहीं करेंगेl
(साभार-वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुंबई)
#सीएस प्रवीण कुमार जैन