म.प्र.स्थापना दिवस पर विशेष
मेरा प्रदेश है इतना सुन्दर
नाम है इसका मध्यप्रदेश ,
कल-कल करता बहता झरना
भेड़ाघाट कहाता है,
पतित-पावन जल है जिसका
वह नर्मदा कहलाती है।
मेरा प्रदेश है….॥
माँ चामुंडा का तपवन है
कहीं अहिल्या का राजवाडा़,
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,इसाई
बसे हुए हर क्षैत्र में,
जन्म लिया है जहाँ लता ने
वह मेरा मध्यप्रदेश है।
मेरा प्रदेश है….॥
मां बिजासन,आल्हा-ऊदल
की गौरव गाथाएं हैं,
मां से मिलता प्यार सभी को
मुस्काती बालाएं हैं,
भ्रूण हत्या को रोक सके तो
जीवन की धाराएं हैं।
मेरा प्रदेश है….॥
शिव की श्वांसें बसी हुई हैं
औंकारे,महाकाल में,
सत्य कहें और स्वच्छ करें हम
मन-आंगन और चौबारे,
पढ़ें-लिखें और कर दें सारे
अपने सपनों को साकार,
हम गुण गाएं उस प्रदेश के
नाम है जिसका मध्यप्रदेश।
मेरा प्रदेश है….॥
#कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’
परिचय : कार्तिकेय त्रिपाठी इंदौर(म.प्र.) में गांधीनगर में बसे हुए हैं।१९६५ में जन्मे कार्तिकेय जी कई वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं में काव्य लेखन,खेल लेख,व्यंग्य सहित लघुकथा लिखते रहे हैं। रचनाओं के प्रकाशन सहित कविताओं का आकाशवाणी पर प्रसारण भी हुआ है। आपकी संप्रति शास.विद्यालय में शिक्षक पद पर है।