प्रेरणा परिवार की काव्य गोष्ठी

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हिसार |

नवोदित लेखकों को मंच प्रदान कराने के उद्देश्य से पिछले इक्कीस साल से चलाए जा रहे मासिक काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर की प्रमुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था प्रेरणा परिवार की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय टाऊन पार्क में संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ ने की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मन्च संचालन जयभगवान लाडवाल ने किया ।
युवा कवि दीपक परमार ने आज के परिवेश पर अपनी रचना सुनाई,
तहजीब हर औलाद को इतनी अच्छी मिले।
ना सड़क पर मां बाप ना कूड़ेदान में बच्ची मिले।।
मास्टर जयभगवान यादव की रचना कुछ यूं थी,
इस कम कपाती ठंड में सड़कों पर बैठा है किसान।
हमारी पुकार सुनेगी दिल्ली है दिल में ये अरमान।।
ऋषि कुमार सक्सेना ने अपनी रचना ऐसे सुनाई,
कस ली है कमर अंदाज ए बयां क्यों। हक की है लड़ाई फिर गुनाह क्यों।।
कृष्ण कुमार इंदौरा की रचना कुछ ऐसी थी,
लोक राज, लोक लाज,रिवाज राज हट राह कील ठोकी।
अच्छे दिन आ गए कटीले तार सड़क खंदक खोदी।।
गजलगो संजय सागर में अपनी ग़ज़ल कुछ इस अंदाज में सुनाइए,
रास्ते में मिलता तो नजर फेर लेता।
एक में था जो थोड़ी देर ठहर जाता।।
जय भगवान लाडवाल की रचना कुछ ऐसी थी
आज पूरा देश ले रहा है धर्मों का नाम, बाकी सब खबरों का हुआ काम तमाम।
संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ ने देश के किसानों व जवानों को समर्पित रचना सुनाई,
हमने देश को पाला है, और तुमने देश को संभाला है।
नेताओं को देखो जिनका दिल भी काला है,धन भी काला है।।
इस अवसर पर कवि राजेंद्र अग्रवाल ,सुभाष चंद्र, मेघराज, दीपक कुमार ने भी अपनी रचना सुनाई।

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