तरुणाई युवा कवि सम्मेलन सम्पन्न

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युवाओं की ऊर्जा से संस्कृति समृद्ध है- डॉ. दवे
अपनी जगह किसी दरबार में नहीं है- महेन्द्र पँवार

इंदौर।

‘युवाओं में ऊर्जा का अतुल्य भंडार होता है, आज कवि सम्मेलनों में उस ऊर्जा का प्रवाह नज़र आ रहा है।’ उक्त उद्गार युवा दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय देवपुत्र सभागृह में अतुल्य अकादमी एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आयोजित ‘तरुणाई’ युवा कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कही। 
आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में स्टेट प्रेस क्लब, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ एवं जाने-माने मंचीय कवि अमन अक्षर उपस्थित थे।
दीप प्रज्वलन से आयोजन की शुरुआत हुई। प्रारंभिक संचालन अंशुल व्यास ने किया।मुख्य अतिथि डॉ. विकास दवे ने साहित्य अकादमी के वर्तमान बदलाव और नई परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि ‘अकादमी द्वारा प्रथम पुस्तक प्रकाशन की योजना से सभी को जुड़ना चाहिए, जिसमें रचनाकार की पहली पुस्तक प्रकाशन पर अकादमी आर्थिक सहयोग करती है।’ इसके साथ ही डॉ. दवे ने बताया कि ‘युवा साहित्य केंद्र प्रदेश के स्थापित जिले में स्थापित हो, जिसका मानदेय 500 रु से बढ़ा कर 5000 रु अकादमी द्वारा दिया जा रहा है।’
तरुणाई में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे स्टेट प्रेस क्लब, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने युवाओं को ऐसे आयोजन के माध्यम से प्रतिभा प्रोत्साहन की बधाई देते हुए कहा कि ‘युवाओं की सक्रिय भागीदारी से शहर का नाम भी स्वर्णाक्षर में अंकित हो रहा है, ऐसे आयोजन लगातार होते रहने चाहिएँ।’
कवि सम्मेलन में इंदौर से महेन्द्र पंवार, गौरव साक्षी एवं रोहित शर्मा, रीवा से क्रांति पाण्डेय, छिंदवाड़ा से राकेश राज, ललितपुर से पंकज पंडित, भोपाल से अपूर्वा चतुर्वेदी, खरगोन से कान्ता प्रसाद कमल, बड़वानी से नितेश कुशवाह और देवास से अक्षत व्यास ने काव्य पाठ किया। 
आयोजन में ख्यात कवि अमन अक्षर, मध्यम सक्सेना एवं  शायर सतलज राहत सहित जलज व्यास, बलराम यादव बल्लू, ऋषभ जैन इत्यादि उपस्थित रहे।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।