हिंदी दिवस पर विशेष

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हम कक्षा पहली में पढ़ते थे
अनार,आम सीखते थे।
स्वर, व्यंजन और बारहखड़ी
बड़े मजे से पढ़ते थे।
जैसे-जैसे बड़े हुए
हुआ शिक्षा का ज्ञान
हिंदी भाषा प्रिय लगी
किया उसका सम्मान।
संज्ञा,सर्वनाम,सन्धि ,समास
दिन भर रटते रहते थे
हिंदी विषय में जान लगाते
फिर भी पूरे नम्बर न मिलते थे।
आज के बच्चे अब हमसे
ज्यादा नम्बर पाते है
क्या पता हिंदी जैसे कठिन
विषय में
सौ में से सौ नम्बर कैसे आते हैं?
कम्प्यूटर के इस युग की
कुछ बात मुझे समझ नहीं आती है?
हमारे समय मे हिंदी की उत्तर पुस्तिका
जाँचते समय पूरी लाल हो जाती थी
आज के बच्चों की पुस्तिका में शिक्षक को कोई त्रुटि नजर नहीं आती है।
कहने को तो मातृभाषा है हिंदी
पर लिखना,पढ़ना,भूल रहे सब
अंग्रेजी इतनीं हावी हो गयी
हिंदी बोलना भूल रहे हैं।
अध्ययन तक ही सीमित हिंदी
पाठ्यक्रम से बाहर नहीं
पाठ पढ़ाये रटे-रटाये
ऐसे शिक्षकों की भी कमी नहीं।
अभिवादन के नाम पर
अंग्रेजी का बोलबाला है
हस्ताक्षर के नाम पर आज
हर कोई सिग्नेचर करने वाला है।
मेरे देश की ये कैसी विडंबना हो गयी है
हिंदी बोलने वालों की पहचान
गवाँर की श्रेणी में हो गयी है।
जिसे आज के समय मे अंग्रेजी नहीं आती
उसकी समाज मे पूछ परख नहीं की जाती।

सपना परिहार

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।