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अनजाने में हुए पाप का
प्रायश्चित करना जरूरी है
भविष्य मे कोई पाप न हो
यह सावधानी जरूरी है
हमारी किसी गलती से अगर
कष्ट किसी को हो जाए
खुले मन से करो पश्चाताप
अन्यथा दण्ड मिले, जरूरी है
दण्ड से बचने की ढाल
न बनाओ कभी क्षमा को
निर्लेप भाव से करो समर्पण
यह पुनीत प्रयास जरूरी है।
#श्रीगोपाल नारसन
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