साहित्यिक संस्था व्यंग्यम् का पुनर्गठन फिर से अनिता मंदिलवार सपना अध्यक्ष बनी

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माँ महामाया की पावन नगरी सरगुजा अम्बिकापुर में *व्यग्यंम्* संस्था का गठन सन् 1996 में किया गया है।इसका उद्देश्य रचनाकारों और  कलाकारों, की प्रतिभा को उभार कर मंच प्रदान है।इस संस्था की प्रथम कार्यकारिणी में संरक्षक आदरणीय  डॉ.सपन सिन्हा,अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह ‘अभिन्न’ उपाध्यक्ष अनिता मंदिलवार सपना, सचिव श्री स्मृतिशेष श्री उत्तम चक्रवर्ती,सह सचिव श्री सत्यजीत श्रेष्ठ एवं अन्य भाई बहन थे।शुरूआती दौर में मासिक गोष्ठी एवं रचनाकारों की रचनाओं पर सार्थक समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकारों के द्वारा किया जाता था।साथ ही बङा वार्षिक कार्यक्रम फाग फुहार के नाम से किया जाता था । इस संस्था में पत्रिका की शुरूआत की गई जिसका नाम व्यंजना था। शहर में संस्था की एक खास पहचान थी एवं कार्यकारिणी का चुनाव सर्वसम्मति से किया जाता था।अनिता मंदिलवार सपना को इस साहित्यिक संस्था में प्रथम महिला को अध्यक्ष बनाया गया। इन्होंने संस्था में अनेक कार्यक्रम करवाये एवं एक विशेष पहचान दिलवाईं । पुनः इन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा रही है ।वरिष्ठ जनो की सहमति अनुसार पुन: संस्था का पुनर्गठन किया गया एवं सबके सहयोग से नयी सोंच ,नया संकल्प लेकर संस्था को फिर से नया स्वरूप प्रदान करने हेतु नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया है जिसमें संरक्षक डाॅ.सपन सिन्हा, संयोजक श्री राजेन्द्र सिंह’अभिन्न’,अध्यक्ष अनिता मंदिलवार सपना, कार्यकारी अध्यक्ष श्री गिरीश गुप्ता ,कला एवं संगीत प्रभारी सुश्री वंदना दत्ता जी, उपाध्यक्ष राजेन्द्र विश्वकर्मा , श्री विशाल वर्मा जी, महामंत्री श्री सत्यजीत श्रेष्ठ, सचिव पूनम पाण्डेय, संगठन सचिव प्रकाश कश्यप, सह सचिव सोम शेखर मिश्रा जी, कोषाध्यक्ष राजलक्ष्मी पाण्डेय, महिला संगठन प्रभारी अर्चना पाठक , मीडिया प्रभारी श्री राजनारायण द्विवेदी, सलाहकार मंडल में रंजीत सारथी , दिवाकर विश्वकर्मा, अनंगपाल दीक्षित, विनय अंबष्ट ,रामलाल विश्वकर्मा है । विकास खण्ड समन्वयक अंचल सिन्हा अंबिकापुर ,श्रीमती नीलम सोनी सीतापुर, सुश्री लता नायर लखनपुर को प्रभार दिया गया है। संस्था का प्रमुख उद्देश्य वरिष्ठ साहित्यकारों के मार्गदर्शन में साहित्य, समाज के साथ सभी क्षेत्रों में प्रतिभाओं को पहचान एवं नई दिशा देने हेतु  संकल्पित रहेगी ।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।