मंगाया है घाघरा आगरा से,
यमुना अपने उफ़ान पर है।
पहनना न घाघरा अभी तुम,
घाघरा खतरे के निशान पर है
आईं है बाढ़ चारो तरफ अब,
लोग अब उच्ची मचान पर है।
चारो तरफ घाघरा की चर्चा है
अभी भी उनके ये जहान में है
टी वी चैनलों पर चर्चा इसकी,
हर तरफ यह वायरल हो रहा।
किसी को जान बचाने की है,
किसी को ये मजाक सूझ रहा
घाघरा पर क्यो नजर गई है,
जब सब नदियों में उफान है।
घाघरा का दूसरा अर्थ निकाले
इसलिए लोग यूहीं परेशान है।
घाघरे में घेरे होते बहुत है,
इसलिए उसके घेरे मै आ गए,
घाघरा का जब बांध टूट गया,
इसलिए वे सब बेघर हो गए।।
आता है जवानी में उफ़ान
नदियों की नई बात नहीं।
आता है इनका मौसम भी
शरमाने की कोई बात नहीं।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम