घाघरा खतरे के निशान से ऊपर

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मंगाया है घाघरा आगरा से,
यमुना अपने उफ़ान पर है।
पहनना न घाघरा अभी तुम,
घाघरा खतरे के निशान पर है

आईं है बाढ़ चारो तरफ अब,
लोग अब उच्ची मचान पर है।
चारो तरफ घाघरा की चर्चा है
अभी भी उनके ये जहान में है

टी वी चैनलों पर चर्चा इसकी,
हर तरफ यह वायरल हो रहा।
किसी को जान बचाने की है,
किसी को ये मजाक सूझ रहा

घाघरा पर क्यो नजर गई है,
जब सब नदियों में उफान है।
घाघरा का दूसरा अर्थ निकाले
इसलिए लोग यूहीं परेशान है।

घाघरे में घेरे होते बहुत है,
इसलिए उसके घेरे मै आ गए,
घाघरा का जब बांध टूट गया,
इसलिए वे सब बेघर हो गए।।

आता है जवानी में उफ़ान
नदियों की नई बात नहीं।
आता है इनका मौसम भी
शरमाने की कोई बात नहीं।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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तुलसी

Thu Jul 30 , 2020
तुलसी अमृत है सदा करती निरोगी काया जिस घर यह विराजे पड़े न रोग का साया देवत्व के गुण इसमे नितप्रति पूजी जाती ज्वर,दस्त, तपेदिक मलेरिया दूर भगाती सिर दर्द,आंखों की रक्षा खांसी, वात में लाभकारी किडनी की रक्षक है रक्त शोधन में काम आती।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 384

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।