हर सावन में आती राखी।
बहिना से मिलवाती राखी।
बहिन-भाई का अनोखा रिश्ता।
बना रहे ये बंधन हमेशा।।
जो भूले से भी ना भूले।
बचपन की वो सब यादे।
बहिन-भाई का अटूट प्रेम।
सब कुछ याद दिलाती राखी।।
भाई बहिन का पवित्र रिश्ता।
हर घर में खुशियां बरसाता।
बहिना सब के दिलमें बसती।
क्योकिं घर की वो है लक्ष्मी।।
मन भावन क्षण लाती राखी।
एक दूसरे की रक्षा की
याद दिलाती राखी।
वचन हमेशा याद दिलाती
बहिन भाई को ये राखी।
इसलिए हर साल ये आती
स्नेह प्यार सब का बढ़ाती।।
भैया भाभी वचन एक देना,
कभी न छोड़ोगे मातपिता को।
यही वचन है भाई मेरा
राखी का उपहार भी मेरा।
घर घर में लायेगा
ये वचन खुशियां अपरम्पार।
देखो आया बहिन भाई का,
रक्षा बंधन का त्यौहार।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)