कमलेश कमल राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त

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इंदौर |

हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कार्यरत संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने राष्ट्रीय महासचिव के दायित्व पर संस्कारधानी, जबलपुर निवासी कमलेश कमल को नियुक्त किया।

श्री कमलेश कमल पुलिस विभाग में उप सेनानी, आईटीबीपी (जबलपुर) के दायित्व पर कार्य करने के साथ-साथ वर्षो से साहित्य साधना में रत हैं। हिन्दी काव्य के अतिरिक्त हिन्दी व्याकरण की गहरी समझ रखने वाले कमलेश कमल कई पत्र पत्रिकाओं के संपादन से जुड़े हैं और राष्ट्रवादी लेखक संघ के न्यासी हैं। आप भारत संस्कृति न्यास के भी न्यासी हैं। हिन्दी प्रचार प्रसार के लिए आप सोशल मीडिया पर ‘कमल की क़लम’ के नाम से लगातार लिख रहे हैं। वर्षों से हिन्दी पाठ शोधन (प्रूफ रीडिंग) एवं हिन्दी शब्दों की व्युत्पत्ति तथा प्रयोग पर काम कर रहे कमलेश कमल ने हिन्दी भाषा को कई नए शब्द
दिए हैं। उनके महनीय प्रयास से लोग न केवल लगातार हिन्दी भाषा से जुड़ रहें है, वरन् शब्दों के प्रयोग को लेकर सजग भी हो रहे हैं।

वर्तमान में कमलेश कमल हिन्दी प्रचार हेतु समग्र मध्यप्रदेश प्रान्त अध्यक्ष के रूप में संस्थान के साथ कार्यरत हैं। अब से सम्पूर्ण राष्ट्र में हिन्दीभाषा का प्रचार करेंगे साथ ही ‘हस्ताक्षर बदलो अभियान’ का संचालन भी करेंगे । मातृभाषा उन्नयन संस्थान देशभर में हिन्दी में हस्ताक्षर करने की प्रेरणा देते हुए जनता से ‘हस्ताक्षर बदलो अभियान’ से जोड़ रही है, जिसमे अभी तक लगभग ११ लाख से अधिक लोगों ने प्रतिज्ञा पत्र भर कर हिन्दी में हस्ताक्षर करने की प्रतिज्ञा ली है। संस्थान हिन्दी को रोज़गारमूलक भाषा बनाने के दायित्व के साथ-साथ भारत के समस्त भाषाओं का हिन्दी भाषा के साथ समन्वय स्थापित करने की दिशा में भी कार्यरत है । श्री कमलेश जी की नियुक्ति पर संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य शिखा जैन, गणतंत्र ओजस्वी, मुकेश मोलवा, मृदुल जोशी सहित रिंकल शर्मा, अंजलि वैद, धीरज अग्रवाल, मधु खंडेलवाल, रश्मिलता मिश्रा, डॉ. उर्मिला सेठिया पोरवाल, श्रीमन्नारायण चारी विराट, अवधेश कुमार अवध, राकेश जैन आदि सभी प्रदेश अध्यक्षों एवं हिंदी-योद्धाओं ने बधाइयाँ दी।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।