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मंत्रीजी घंटा बजाकर अपने पूजागृह से एक हाथ लम्बा तिलक लगाकर बाहर आये ही थे कि उनका सहायक हाँफता हुआ उनके सामने आ गया |

‘अरे! काहे हाँफत हो… आसमान फट गया क्या?’

‘साबजी – साब जी… बड़ा अनर्थ हो गया | जनपद में पुलिस ने बड़ी बर्बरता से बेचारे अनशन पर बैठे किसानों पर लाठीचार्ज किया है और सुनने में आ रहा कि फाइरिंग भी की है |’

‘तो क्या हुआ? वो तो हमने ही आदेश दिया था |’

मंत्रीजी का जवाब सुनकर सहायक आश्चर्यचकित रह गया | वो मन ही मन सोच रहा था, ये वही पुलिस है जिसकी गुंडों से मुठभेड़ होती है तो बंदूक से गोली नहीं निकलती मुँह से ही ठाँय-ठाँय की आवाज निकालकर काम चलाना पड़ता है |

‘सुनो! ये किसानों वाली न्यूज टीवी पर आ रही है क्या?’ मंत्रीजी ने सहायक से पूछा |

‘नहीं, किसी भी न्यूज चैनल पर नहीं आ रही सिर्फ सोशल मीडिया पर ही दिखाई दे रही है | लगता है हुजूर ने सभी चैनल वालों का मुँह बंद कर दिया है, इसीलिए पाकिस्तान – पाकिस्तान खेल रहे हैं सभी चैनल वाले |’ सहायक पिलपिला सा मुँह बनाकर चमचे वाले लहजे में धीरे से बोल गया |

‘तुमने कुछ कहा’….

‘नहीं… महाराजजी मैं तो कह रहा था कि गायों को गुड़ खिलाने का समय हो गया है |’ सहायक बात बनाते हुए अपना बचाव कर गया |

मंत्रीजी समय का विशेष ध्यान रखते हुए गायों को गुड़ खिलाने के लिए चल पड़े | दोपहर को लाइव और शाम से देररात तक प्रमुख रही गायों को गुड़ खिलाने की खबर

#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।