परिचय:
नाम : माधवी उपाध्यायजन्म स्थान: बिहार ( चार घाट)वर्तमान पता: जमशेदपुर ( झारखंड )पिता का नाम : डा आचार्य हरेराम त्रिपाठी चेतनपती का नाम : सुनील कुमार उपाध्यायशिक्षा : बी.एड (हिंदी साहित्य )
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इन्सान से इन्सान,
अब भयभीत हो गए ।
भावना है मर गई
संवेदना झुलस गई,
व्यक्ति स्वार्थ हो गया
अर्थ व्यर्थ हो गया ।
प्रेम और सौहार्द का
विश्वास आज खो गया ।।
पाप पुण्य बन गया
पुण्य पाप हो गया ।
ऐसी बयार बह चली …
कि सब अनर्थ हो गया ।
मनुष्य में मनुष्य की
तलाश शेष रह गई !
इन्सान से इन्सान अब सभीत हो गया ।।
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