तुम आ गए,आ जाओ अब तो हनीप्रीत भी आ गई। तुम पर हिंसा के आरोप लगे हैं,उस पर भी लग रहे हैं। बड़े ही धीरे-धीरे सधे कदमों से आ रहे हो। हनीप्रीत जब साथ हो तो भला तेज कैसे चला जा सकता है। तुम्हारे आने की आहट और हनीप्रीत के […]

उत्सव का समय थाl गणेश जी को मैंने प्रणाम किया,तो बड़े अनमने भाव से उन्होंने कहा,-`खुश रहो।` मैंने कहा,-`प्रभु, लेकिन आप ज्यादा खुश नहीं हैं। क्या बात है? क्या आपको हमेशा की तरह नकली घी के लड्डू खिलाए जा रहे हैं? क्या हमेशा की तरह भक्तगण आपके नाम पर चंदा […]

हमारे देश में तरह-तरह के लोचे होते रहते हैं। कभी केमिकल लोचा हो जाता है,तो कभी टेक्निकल लोचा।राजनीतिक और धार्मिक लोचे तो आए दिन होते ही रहते हैं। वैसे लोचा करने को `लुच्चई` कहते हैं कि नहीं,ये नहीं पता,लेकिन इतना जरूर पता है कि,लोचा और लुच्चई एक दूसरे के सगेसम्बन्धी जरूर […]

जब भगवान देता है छप्पर फाड़कर देता है,शायद यह कहावत अब दोस्तों के लिए हो गई है। `फेसबुक` वह छप्पर है,जिसे फाड़कर दोस्त टपकते हैं। ७० और ८० के दशक में अंकल-आंटी टपकते थे,वे आज भी टपक रहे हैं। दादा की उम्र का हो,या बिटिया की उम्र की लड़की,अंकल-आंटी के […]

बहुत स्मार्ट हैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी,हाथों-हाथ उतारा कर दिया हामिद अंसारी का राज्य सभा में,वाह क्या लगा-लगा के मारा और अभी तक उसी नशे में ग़ाफ़िल हैंl इतने ग़ाफ़िल कि, गोरखपुर के ६३ नौनिहालों की अस्थियाँ गंगा में विसर्जित हो जाने तक और उनके तथाकथित नकली(जैसे तमिलनाडु के किसान […]

 देसी के साथ जब से विदेशी टमाटर आया है,देसी कुछ ज्‍यादा ही भाव खा रहा है। विदेशी के भाव तीसरी मंजिल पर तो,देसी के भाव आसमान पर। देसी खाकर कोई लाल हो रहा है,तो कोई उसके भाव सुनकर लाल हुआ जा रहा है। जो खरीद रहा है वो लाल है,जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।