श्रध्दा भक्ति विनय समर्पण, का इतना फल हो / मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे, कर कमलो से हो / -जन्म जन्म से भाव संजोये, दीक्षा पायेगे / नग्न दिगंबर साधू बनकर, ध्यान लगायेंगे / अनुकम्पा का बरदहस्त यह, मेरे शिर धर दो /१/ मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे, कर कमलो से हो […]
धर्मदर्शन
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