मन की पीड़ा दिल का दर्द, सबकी बस एक तू ही दवा। मेरे कान्हा,मेरे मालिक तुझसे ये दूरी, कब होगी पूरी कब तक रहूँ मै यहाँ। मन को न भाए झूठे ये रिश्ते, कैसे निभाऊं इन्हें मै जाऊं कहाँ। रोती हैं आँखें याद में तेरी बावला हुआ है ये मन, […]
काव्यभाषा
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