छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी, नए साल में लिख दें,आओ मिलकर नई कहानी। हम हिंदुस्तानी,हम हैं नूरानी॥ आज चुनौती खड़ी हुई हैं फाड़ के सीना, दंगल और फसाद में मुश्किल हुआ है जीना। अठारह का यह साल बनाएंगे निराला, बाहर हो जाएगा जो सब होगा काला। नई […]
काव्यभाषा
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