01ः- राज का रंग चढ़कर बोलता होली के संग। 02ः- घुल गए हैं लाल पीले नीले भी इस होली में। 03ः- पर्व बनते संस्कृति के दूत हमारे यहां। 04 – साफ-सफाई मिलन की ऋतु सी होली आई। 05ः- भेद मिटा के प््रोम रंग घोलने होली है आती। #शशांक मिश्र परिचय:शशांक […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
