आज विधि के लिखे का साथी, रेवा का वो पूत चला, सौन्दर्य बहा कर नर्मदा का अमृत वर्षा कर सुत चला जिसने जीवन किया समर्पित अंचल का वह दूत चला नर्मदा के गायन में बसता साहित्य सारथी अश्रुत चला बहे जहाँ सरिता काव्य की ऐसा वह लाड़ला सपूत चला जबलपुर […]
काव्यभाषा
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