दिल कहूँ दिलबर कहूँ दिलदार दिलरूबा कहूँ, कभी तुम्हें सनम कहूँ कभी तुम्हें खुदा कहूँ, ============================ हमसफर तू हमकदम तू हमदम तू हमराज़ तू, तुमको ही मंज़िल कहूँ तुमको ही रास्ता कहूँ, ============================ मौजूद ना होके भी तू हर वक्त मेरे पास है, महबूब मेरे किस तरह मैं तुझको बेवफा […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
नज़ाकत-ए-जानाँ1 देखकर सुकून-ए-बे-कराँ2 आ जाये चाहता हूँ बेबाक इश्क़ मिरे बे-सोज़3 ज़माना आ जाये मुज़्मर4 तेरी अच्छाई हम-नफ़्स मुझमे, क़िस्मत मिरी लिखे जब तारीख़े-मुहब्बत5 तो हमारा फ़साना आ जाये माना हरहाल मुस्कुराते रहना है रिवायत-ए-जवानी6 जुस्तजू इतनी दौर-ए-ग़म7 में रिश्ते निभाना आ जाये बे-लिहाज़8 बस्ती में हो चला मतलब-आश्ना9 हर कोई भरोसा रखने से बेहतर दर्द-ए-बेकसी10 भुलाना आ जाये […]
