क्या खूब है बातें बारिश की, कितनी सौगातें बारिश की, ये बात सुहाने मौसम की मिट्टी और उसकी खुशबू की पर्वत पर इठलाते बादल की, अटखेलियां करती हवाओं की, प्रकृति और उसकी आभा निखरी, हुई कंचन काया झरनों की, ये वृक्ष लगे है,धुले धुलें, हंसते मुस्कातें फूलों की, बड़े मगन […]
काव्यभाषा
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