ये प्रश्न बड़ा गूढ़ है कि जीवन बदलता है या परिस्थितिवश मानव और कैसे बदल जाते हैं संग उनके मानवीय मूल्य जिसके विकास और ह्रास की अवधारणा इतिहास के पन्ने तय कर देती है या फिर कोई अभेद्य विचार धाराएँ जीवन अनवरत अपनी गति से बहती चली जाती है किसी […]
काव्यभाषा
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