होते थे पहले कभी कच्चे धागों से बंधे रिश्ते पक्के ! ये रिश्ते हों खून के या फिर धर्म के ही क्यों न हो निभते थे – जीवन पर्यंत आल्हादित मन से पर अब , होता नही है ऐसा आ गया है इन रिश्तों में भी धागे की तरह ही […]

आहट होने लगी है रक्षा बन्धन त्यौहार की बाते होने लगी है भाई बहन के प्यार की भाई बहन दोनो चाहते एक दूसरे की खुशहाली को पवित्र प्रेम सदा बना रहे राखी और कलाई को यह पर्व है नये संकल्पों को अमलीजामा पहनाने का कम से कम एक बुराई स्वयं […]

रोज़ की तरह आज सुबह भी ले आया हूँ  एक खूबसूरत आज मजबूरियों के कत्लखाने में कि उतारकर खाल इसकी बोटी-बोटी कर बेच दूँगा शाम तलक ताकि भर सके मेरी और मेरे परिवार की ज़रूरतों का पेट ये दिन……… जिसे कुदरत ने पैदा होते ही सौंपा था मेरे हाथ में […]

खंजर का कोई मज़हब नहीं‌ होता भारत माता आज युवा से प्रोढ़ता की ओर है। दर्द के हिलोरे आज भी पुरु जोर है देश का जर्रा जर्रा तेरा एहसान मंद है चाह कर भी दर्द तेरा बाँट सकते हम नहीं इस जहाँ में तुझको दर्द देने वाले माँ कम नहीं […]

राखी का अब त्यौहार आया है खुशी का जैसे खुमार आया  है बांधी राखियां भाई की कलाई में गजब चेहरे पे अब निखार आया है अटूट ये रिश्ता अनमोल है बन्धन मिले जब -जब भी करार आया है हिफाजत भाई करेगा रखती है उम्मीदें देखो ये अनोखा प्यार  आया है […]

तुम्हे तो सौपा था केवल मृदुल भाव ही पुरुषत्व के दम्भ मे जलाने क़ो नही।     तुम भूल गए मेरा सतीत्व     तुम भूल गए मेरा अस्तित्व      अब खोल ‘पौरुष’ अपनी आँखें       और देख मेरा विशाल रूप।       मैं केवल एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।