चीखता अंतर्मन बचपन कराहता टूटता कुछ भीतर तक जब जनक, जननी एक दूसरे का करते परित्याग — जन्म मिलकर दोनों ने दिया संरचित किया एक मांस पिंड को जीव में किया तब्दील जान फूंक दिया उस लोथड़े में फिर ये कैसा आघात — लगाते एक दूसरे पर आरोप, प्रत्यारोप दिखाते […]

झांका उन्हें मैंने अपने गलियारे से, इसकी भी कोई वजह होगी। उन्होंने तो बस इतना कहा, मैं तुम्हें जानता ही नहीं। शायद इसकी भी कोई वजह होगी। मैं तो इंतजार आज भी करता हूँ उनका, शायद कोई तो वजह होगी। निहारती है आज भी आंखे राहें, शायद तो कोई वजह […]

  विनम्र श्रद्धांजलि जयजयजयजय तरुणासागर। सच्चाई  को किया उजागर। । ऋषभदेव से तुम अवतारी। महावीर से सत्य विचारी।। प्रताप शांति के घर जाये। पवन जैन जब नाम धराये।। चौदह बरस उमर थी भाई। छोड़ खिलोना मुनिपद पाई।। गढ छत्तीसा शिक्षा पाये। क्रांतिकारी मुनि संत कहाये।। सन अट्ठासी बीस जुलाई। बागी […]

मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था ख़ाहिश-ए-ख़लीक़ इज़हार करना चाहा था धुएँ सी उड़ा दी आरज़ू पल में यार ने मिरि तिरा इस्तिक़बाल शानदार करना चाहा था भले लोगो की बातें समझ न आईं वक़्त पे मैंने तो हर लम्हा जानदार करना चाहा था तिरे काम आ सकूँ इरादा था बस इतना सा तअल्लुक़ आपसे आबदार करना चाहा था इंतिज़ार क्यूँ करें फ़स्ल-ए-बहाराँ सोचकर चमन ये ‘राहत’ खुशबूदार करना चाहा था  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 33

                        जय श्री कृष्णा भगवान श्री कृष्ण की कृपा से आपके जीवन में प्रेम, सौहार्द और खुशियां बनी रहे । सभी देशवासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एव बहुत बहुत शुभकामनाएं । सुन कान्हा , तू फिर […]

नव जीवन का हुआ पल्लवन स्वागत किया सब ने मिल किसी ने थाल बजाया तो किसी ने बजाई शहनाई की धुन ख़ुशियाँ फिर छाईं चहुँ ओर नाचे वन में मोर कोई हुआ भयभीत किसी के मन में जागी तुझ संग प्रीत अदिति रूसिया  वारासिवनी Post Views: 41

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।