सदा सत्य के पथ चलो असत्य को दूर करते चलो सत्य ही विजय दिलवाएगा भाग्य सबका बनाएगा सत्य है ईश्वर की वाणी सत्य से परे खत्म कहानी सत्य को आंच आती नही अशांति मन में छाती नही सत्य तनाव भगाता है चेहरे पर आनन्द लाता है सत्य की अलख जगा […]

है यह लेते देते है यौतक दानव है कौतुक है दानवता है मरता भी है मारता भी है कोई जीता है कोई हारता है कोई जीतता है लेने से डरता है देते भी डरता है जाते अखरता है आते निखरता है कोई उजड़ता है कोई सँवरता है रोज बढ़ता है […]

आते हो रोज़ ख़्वाबों में मेरे,   नींदें भी ग़ुस्ताख़ हुईं हैं । मेरी ज़िन्दगी की शामें भी,   तुमसे ही गुलज़ार हुईं हैं ।।  हर नज़र मेरी हर घड़ी,     तेरा इंतज़ार कर रही है ।  दुनिया कह रही है मुझे,      तुमसे प्यार नहीं है ।। […]

घिर आए हैं मेघ गगन में पंछी भरमाये, मोर नाचते,पीहू-पीहू कोयलिया गाये। धरा प्रफुल्लित दिखे खेत में सरसों है फूली, पिया आएँगे लौट,सोच यह सखि ख़ुद में भूली। फूल खिले उद्यान में दिखते वृक्ष हैं हर्षाये, मोर नाचते,पीहू-पीहू कोयलिया गाये।। तले पकौड़े भाभी-माँ यह देख सुहृद मौसम, खा के पकौड़े […]

भविष्य निखारता, ज्ञान है बाटता। इंसानियत का पाठ पढ़ाता, अंधेरा हटा उजाला लाता। सपनों को पूर्ण करने मे ,हमे सही राह दिखाता। जीवनपथ पर डटते हुए है, चलना सिखलाता। बच्चों का पढ़ने मे कैसे है ध्यान लगवाना,कला यह बखूबी जानता। ज्ञान का इसमें भंडार भरा है,यही गुरु,यही ब्रह्मा है। धैर्य […]

ज़िंदगी के रंग मंच पर आदमी है सिर्फ़ एक कठपुतली । कठपुतली अपनी अदाकारी में कितने भी रंग भर ले आख़िर; वह पहचान ही ली जाती है, कि वह मात्र एक कठपुतली है । ऐसे ही आदमी चेहरे पर कितने ही झूठे-सच्चे रंग भरे अंत में, रंगीन चेहरे के पीछे असली चेहरा पहचान ही लिया जाता है |  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 36

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।