भविष्य निखारता, ज्ञान है बाटता।
इंसानियत का पाठ पढ़ाता, अंधेरा हटा उजाला लाता।
सपनों को पूर्ण करने मे ,हमे सही राह दिखाता।
जीवनपथ पर डटते हुए है, चलना सिखलाता।
बच्चों का पढ़ने मे कैसे है ध्यान लगवाना,कला यह बखूबी जानता।
ज्ञान का इसमें भंडार भरा है,यही गुरु,यही ब्रह्मा है।
धैर्य और विश्वास से परिपूर्ण,विद्यर्थियों का पथ दर्शक।
कमियों को है दूर भगाते,उन्नति को प्रोतसाहित है करते।
जीवन का अमूल्य उपहार है शिक्षक।
सही-गलत का भेद है शिक्षक।
क्षमा इन्ही ने है करना सिखाया
नियमों के पथ पर चलना इन्ही से है आया।
अक्षरों का ज्ञान सिखलाया।
संघर्षो पर अड़े है रहना बतलाया।
माँ सरस्वती के आशीर्वाद का हकदार बनाया।
ज़िन्दगी की हक्कीकत को समझाया।
#प्रीती मोहनानी
साहित्यिक उपनाम -भारती विकास
स्थान-जमशेदपुर,झारखंड
शैक्षणिक योग्यता- एम. कॉम,एम. ए(हिंदी),बी.एड
प्रकाशन- साहित्यिक पीडिया मे प्रेक्षित