जो होना है वही होगा फिर क्यो धैर्य खोते हो साक्षी बनकर जीना सीखो क्यो तनाव मे जीते हो विधाता की कठपुतली हम जैसे चाहेगा वह नचायेगा नाटक का प्रोड्यूसर वह है कभी हंसाएगा कभी रुलाएगा जो रोल मिला है विधाता से उसे खुशी खुशी निभाते चलो न जाने कब […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
