वो कहते हैं, भागवान मंदिरों में रहता है। मैं नहीं मानता।। वो कहते हैं, अल्लाह मस्जिदों में रहता है। मैं नहीं मानता।। वो कहते हैं, गॉड चर्च में रहता है। मैं नहीं मानता।। वो कहते हैं, वाहेगुरु गुरद्वारों में रहता है। मैं नहीं मानता।। मैं कहता हूं मेरा, भगवान अल्लाह […]

जब भी आता था डाक बाबू लिए हुए डाक मुहल्ले भर की उत्सुकतावश हो जाते थे एकत्रित उसके चारों ओर मुहल्ले भर के लोग करते थे चेष्टा जानने की किसकी आई है चिट्ठी आजकल तो लाता है डाकबाबू कोई न कोई नोटिस या मोबाइल का बिल प्रेम-पत्र या सुख संदेश […]

पितृ अमावस्या आयी। करते सब पितृ विदायी।। आयेगी नवरात्रि अब।  घर घर मे हो भक्ति तब।। नौ दिन  करते उपवास। न करे कोई उपहास।। ज्योति जलाये प्रेम से।  व्रत मनाये स्नेह से।। भाव से भेंट चढ़ाये। माँ की आरती गाये।। झूमे सभी मस्ती में। गरवा खेले भक्ति में।। करें नही […]

घोर कलियुग का दौर है हाहाकार का शोर है विकारों से घिरे है सब कैसे उद्धार होगा हे रब तुम्ही कोई उपाय सूझा दो पावन बनने का मंत्र बता दो कलियुग की समाप्ति हो जाए कश्ट सारे के सारे मिट जाए खुशहाली का उजाला हो सतयुग आने वाला हो रब […]

पूर्वज हैं हमारी जिंदगी का व्याकरण जिन्होंने   किया  सबकुछ  समर्पण । इनके सद्गुणों का करें हम आचरण पितृगण हैं  हमारे  संस्कारों का दर्पण ।। गाय,स्वान,काग,ब्राह्मण को करें अन्न अर्पण क्योंकि श्राद्धपक्ष में करतें पितृ धरा पर भ्रमण । धूप-ध्यान से होता पितृदोष,ऋण निवारण विधि – विधानसे करें हम इनका तर्पण […]

यूँ ही साथ चलते-चलते एक दिन तुमने कहा.. रुको..! पर मैं चलती रही.. तुमने कहा.. चलो..! और मैं रुक गयी.. तुमने इसे अपनी अवहेलना समझा, और तुम नाराज हो गए.. काश..! तुम समझ पाते कि.. यह तिरस्कार नहीं था तुम्हारे प्रति, यह तो तुम्हारी नजर में खुद की अहमियत, खुद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।