मुझको युद्ध नही विराम पसन्द है, मुझको संघार नही सृंगार पसन्द है, लेकिन दूषित कर दे जो मेरे तन मन को, तब केवल और केवल परशुराम पसन्द है, मुझको तो दुर्गम अनुसंधान पसन्द है, मुझको केवल स्वेत परिधान पसन्द है, लेकिन लहू से लतपत लालित होजाऊँ, तो मुझको शत्रुओं का […]

कल मैं बैठा – बैठा सोच रहा था , क्या लिखू विजया दशमी है कल । क्या लिखू श्री राम पर और अब , क्या लिखू रावण द्वारा किए छल ।। हमसब मिलकर दशहरा मनाते है  , और रावण के पुतले को जलाते है । आजकल राम के रूप में […]

सदियो से जलाते आ रहे है फिर भी नही जल रहा यह रावण पुतला जलाने से क्या होगा असल मे तो कभी जलाइये रावण रावण तो हम सबके अंदर है अंदर से तो भगाइये अपने रावण रावण तो नाम बुराइयों का है बुराइयों को भगा मिटाइये रावण राम विजय असल […]

हर साल दशहरा मनता है, हर बार रावण यूं ही जलता है,, पूतलों में मरता हर तरफ, मन का रावण मगर कहां दिखता है,, रावण सूचक है बुराई का, हर बार बताया जाता है,, अब हर नर के भीतर रावण, ये राज़ छुपाया जाता है,, कितने दुख तकलीफ सहन की, […]

फुर्सत नहीं है इंसान को इंसान से मिलने की ! ख्वाहिशे रखता है दूर बैठे भगवान से मिलने की ..! घर में जो भगवान है उन्हें पूजता नहीं ! और ढूंढ़ता फिरता है मंदिर मस्ज़िद और गुरुद्वारों में /1 मन की आंखो से प्रभु का दीदार करो ! दो पल […]

कुछ ऐसा संघर्ष भरा जीवन मिला उसको भाई। प्रयास करे कितने भी पर उसने कभी मंजिल ना पाई।। प्यास लगी है बहुत और उसके हर तरफ पानी है भाई। पर कभी खारे समंदर ने कहां किसी की प्यास बुझाई।। डरे सहमे पंछी ने हिम्मत कर जब अपने पंखों को खोला। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।