स्नेह मिला,शुभकामनाएं मिली मिल गया आपका प्यार कृपा यूं ही बनाये रखना बढ़ती रहे जीवन पतवार ईश्वर याद रहे हमेशा भूल न पाऊं उसको अवगुण कभी पास न आये याद रहे हम सबको शांति,खुशी,सदभाव की बहती रहे सदा ही ब्यार ईश्वर रहे अंग संग हमारे संसार से मिले भरपूर प्यार। […]

माना की दिल लगी है, मेरी आप से जनाब ! पर प्यार शुरू हो रहा है इसका ये मतलब नहीं यार  ! तुम दिल में कभी आते और कभी भी जाते हो जनाब , पर दिल तो मेरा दुखता है लो जान लो जनाब !! क्या करते हो कमल, आप […]

एक गृहणी मात्र घर पर ही नहीं रहती बल्कि वो घर पर ही रह सारे काम बड़ी कुशलता से निभाती है वो घर की *योद्धा* होती है सुबह से उठकर रसोई के काम बच्चों को स्कूल भेजना पति को दफ़्तर या दुकान भेजना हो चाहे सास ससुर की सेवा हो […]

नीर धीर दोनो के मिलन थे, राधा संग कान्हा परिहासे। था समय एक,ये कथा बने, लगते ज्यों कोरे गप्पे झाँसे। मन की प्यास शमन करते, वे पनघट अब सूने प्यासे हैं। मन की आशा, चुहल वार्ता, के सब ठीये  स्वयं उदासे हैं। वे नारी वार्ता स्थल थे जहाँ, रमणी को […]

परमात्म लीला हुई है एक युगल सुनीता मिली है एक दस दिसम्बर की बात है यह युगल बनने की वर्षगांठ है यह ईश्वर साक्षी रहा हमेशा जीवन सुखद जिया हमेशा धर्म आध्यात्म जीवन मे आया युगल विदुषी को कन्हैया भाया मीरा बन वह साधनारत है मेरा मन भी ईश्वरीय मत […]

नजर-नजर की अदा कमाल सी झुकी-झुकी घटा कमाल सी। नजर-नजर की मिसाल तारीफ-दर-तारीफ वेमिसाल। नजर-नजर की बातें लगती है सुहानी-सुहानी रातें नजर-नजर की मुलाकातें सताती-सताती है दिन-रातें। नजर -नजर की झुंझलाहट चढा-बढा रही है कड़वाहट। नजर-नजर की वफा मिलकर-मिटाती है दूरियाँ नजर-नजर की प्रभा लेती-देती है दुआ नजर-नजर की सौगातें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।