जगत अपने काम काज निपटा कर ट्रेन पकड़ चुका था।आज वह पिछले छः महीने बाद अपने गाँव लौट रहा था।यहाँ परदेश में कमाकर वो गाँव में खेती करता था।अभी बरसात के सीजन चल रहे थे। इसलिए वो खेतों के बारे में सोचता हुआ ट्रेन में झपकी ले रहा था।उसके साथ […]
काव्यभाषा
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