भारी सियासी उठापटक के बाद महाराष्ट्र एवं हरियाणा का मतदान समाप्त हो गया सभी पार्टियों ने अपने-अपने राजनीतिक समीकरणों को बखूबी बैठाया। अनेकों प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप का भी खूब दौर चला। पक्ष एवं विपक्ष दोनों ओर से जनता को अपने पाले में करने हेतु अनेकों प्रकार की विधि का प्रयोग […]

तुझे जाना है तो फिर आना क्यूँ इस तरह से यूँ दिल लगाना क्यूँ न खुद जलील हो ना मुझे कर मेरे नाम से माँग सजाना क्यूँ ख्वाब नहीं ठहरते इन आँखों में मुझे अपने ख्यालों से जगाना क्यूँ तू खुदा से भी गद्दारी कर जाए तेरे लिए फिर हाथ […]

है इश्क तो “इजहार ए वफा” कीजिए । यूं खामोश रहकर न हमें परेशां कीजिए । कभी तो बैठ कर सामने गुफ्तगू कीजिए । सिर्फ ख्यालों में ही न मेरी धड़कनें तेज कीजिए। आप ही से लबों पे मुस्कान है यूं ही उलझ कर जिंदगी में न अब ये दिल […]

तुम क्या थे मेरे लिए,अब मेरी समझ में आता है बादल छत पर मेरे , बिना बारिश गुजर जाता है मेरा घर, मेरे घर की दीवारें और चौक – चौबारे बिना तेरे अक्स के चेहरा सब का उतर जाता है सबकी गलियाँ हैं रौशन आफ़ताबी शबनमों से चाँद मेरी ही […]

आज जरूरत है मानव की, विश्व शांति कायम होवे। वतन मान की सोच रखें पर विश्व मनुजता क्यों खोवे। मानव तो बस मानव होता, मानवता के गुणधारी। देश धर्म में बाँट मनुज को, राज करे सत्ता धारी। कुछ देशों की तानाशाही, कुछ को भारी पड़ती है। सत्ता की यह खेंचातानी, […]

रंगोली देखो सजी,घर आंगन अरु द्वार।शांति दीप पावन भरे,हो मंगल परिवार।। रंग बिरंगी नेक सम,लाती अलग निखार।दिल से तोड़ो नीर अब,आओ सदा बहार।। चौक दीप पूजन समय,रंगोली की याद।आकर्षित करती सदा,करती पूर्ण मुराद।। रंगोली सम बाँटिए,रहे एकता प्यार।सम्पूर्ण हो कामना,यही नीर आधार।। मंगलकारी का बने,नीर प्रेरणाधार।रहें एकता साथिया,रंगोली अधिकार।। #नवीन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।