हां मै पागल हूं, हर काम को बिगाड़ देता हूं। आजकल के प्यार को में हवस की औलाद कहता हूं। मां बाप के सपने को तोड़ने वाले हर शख्स को में शैतान कहता हूं। सपने पूरे करने की उम्र में मरने वालों को में बुझदिल , डरपोक, हरामखोर इन्सान कहता […]

हर बार दशहरे पर हम सब, क्यों रावण का पुतला फूंके। अपने अंदर के रावण को , क्यों हम सब मिलकर ना फूंके। साधुओं के भेष में कुछ, मक्कार हमें नित छल जाएं। भगवा धारी रावण को हम, आओ आज सबक सिखाएं। लगा के टोपी नेता सारे, जनता को मूर्ख […]

रावण कहता है एक बात मेरी सुन लो। क्यों वर्षो से मुझे यू जलाये जा रहे हो। फिर भी तुम मुझे जला नहीं प् रहे हो। हर वर्ष जलाते जलाते थक जाओगे। और एक दिन खुद ही जल जाओगे।। मैंने सीता को हरा, हरि के लिए। राक्षक कुल की मुक्ति […]

घर घर मे रावण पैदा हो गए किस किस को जलाओगे सत्ता छोड़ जो वन को जाए ऐसा राम कहां से लाओगे पहले अपने अंदर झांक लो कितने रावण मन मे बसे है पहले उन्ही रावणो को मार लो जो रावण तुम्हारे पास खड़े है काम,क्रोध,मोह,लोभ,सब अहंकार में लिपटे रावण […]

तू ही मेरी मदर है, तू ही मेरी माता, तू ही अम्मा, आई मेरी, तू ही है जग माता। मुझको दिया है जीवन तूने, तूने ही मुझको पाला, खून से अपने सींचा तूने, हर पल में तूने ही मुझे संभाला। उंगली पकड़कर तूने मां चलना सिखलाया मुझको , लड़खड़ाए जब […]

बदलते हुए बिहार के लोकप्रिय चेहरा हैं नीतीश कुमार अपने दृढ़ विश्वास से लवरेज होकर वेदाग दमदार काम का वखान अपने शब्दों में करते हैं ।कौन भूल सकता है 1990 के दशक वाला बिहारी को जहाँ संसाधनो की कमी नहीं फिर भी बिजली पानी को तरसता था बिहार! आज हर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।