न दिल भरता है न प्रभु मिलता है। बस चारो तरफ अफरातफरी का माहौल है।। न प्रश्न बचे है न उत्तर मिले है। प्रश्नों पर प्रश्न ही लोगो ने खड़े किये है।। न समानता पहली थी और न आज है। पर बाते समानता की हमेशा होती है।। पर समानता आज […]

संसार है एक धर्मशाला यहां आते जाते है लोग कोई सदा नही रहा यहां नही रहा सदा एक का जोर परमात्मा की कठपुतली है सब जब जैसे चाहे वैसे नचाये याद परमात्मा रहा जिसे वही रहा परमात्म सिरमौर कमाई दौलत यही रह जाती सिर्फ कर्म से बंधी है भाग्य डोर […]

याद करोगी मुझको,मेरी बातो को याद करके , चला जाऊ जब जहाँ से याद करना जी भर के | कैसे करू गुफ्तगू तुमसे,जब पास नहीं तुम मेरे , आओगी जब पास मेरे,गुफ्तगू करना जी भर के | भूल जाना उन हसीन दिनों को जब पास थी मेरे , आऊंगा जब […]

इस कार्यक्रम का संचालन सचिव श्री रमेश भाई मुलवाणि द्वारा किया गया था आभार प्रकट एडवोकेट श्री कांतिभाई पटेल कोषाध्यक्ष द्वारा किया गया था, अंत में राष्ट्र गीत ज़न गण मन श्री डॉ गुलाब चंद पटेल अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत किया गया डॉ गुलाब चंद पटेल अध्यक्ष महात्मा गांधी साहित्य सेवा […]

दर्द सहने की अब आदत सी हो गई है। प्यार किया है तो इसे सहना पड़ेगा। कांटो पर चलकर मोहब्बत को पाना पड़ेगा। बीत जायेंगे दुखभरे दिन कांटो पर चलचल कर। और मोहब्बत करने वाली को समाने आना पड़ेगा।। जब प्रेमी प्रेमिका थे तब की बात अगल थी। जिंदगी जीने […]

सुहागन के सुहाग की रक्षा का महापर्व सुहागन के उपवास पर हर सुहाग करता गर्व भारतीय संस्कृति का यह अनूठा त्यौहार है एक दूसरे के प्रति बढ़ता इससे सद्व्यवहार है करवा चौथ के पर्व पर करो एक संकल्प क्रोध जीवन मे न रहे शांत स्वभाव विकल्प।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 415

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।