दाता सिर्फ एक है कर लो उसको याद परमपिता वह सबका करता सबका ख्याल जितना उसको याद करोगे उतना ही सुख पाओगे भूल गए अगर दाता को फिर बहुत पछताओगे रंक को राजा बनाने मे वह देर नही करता राजा को रंक बनाने मे भी वह देर नही करता ।#श्रीगोपाल […]

सुना है तेरे शहर की आबोहवा शैतान बन गई, शाहीन बाग़ की लोमड़ियां अब किसान बन गई। मिली नहीं कोई जगह जब किसी शहर में उनको, दिल्ली शहर में आकर जबरदस्ती मेहमान बन गई। घुसने नहीं दिया जब किसी मंदिर मस्जिद मे उनको, किसानों के बीच बैठ कर उनकी भगवान […]

मैं नारी हूं मैं नारी की , करुण व्यथा सुनाती हूं। हजारों दर्द सहकर भी, सदा मैं मुस्कुराती हूं। मैं नारी हूं…… मां की कोख से मेरा , सुनो जब से हुआ उदगम। ना पाया है सुकून मैंने, पिए हैं आंसू ही हरदम। मैं नारी हूं……….. खबर सुनकर बेटी की, […]

क्यों भारत तुम बन्द करते हो, क्यों आफत तुम मोल लेते हो। अपने को भी तुम कष्ट देते हो, दूसरो को भी तुम कष्ट देते हो। तुम तो देश के अन्नदाता हो, भारत के भाग्य विधता हो। क्या मिलेगा भारत बन्द करने मे, केवल नफरत के बीज बोते हो। तुम […]

जीवन के हर रंग मे रंग बदल रहा आदमी सच से मिलता सुख फिर भी झूठ बोलता आदमी जरूरत न होने पर भी सच झुठला रहा आदमी झूठ से बड़ा कोई दोष नही समझ क्यो नही रहा आदमी झूठ के रंग अनेक बदल रहा है आदमी शांति से दूर हो […]

क्यों भारत तुम बन्द करते हो, क्यों आफत तुम मोल लेते हो। अपने को भी तुम कष्ट देते हो, दूसरो को भी तुम कष्ट देते हो। तुम तो देश के अन्नदाता हो, भारत के भाग्य विधता हो। क्या मिलेगा भारत बन्द करने मे, केवल नफरत के बीज बोते हो। तुम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।