शब्द साधना करते रहिए कुछ भी नया रचते रहिए सरस्वती बसी रहे जीभ पर ऐसी वाणी बोलते रहिए ‘शब्द ‘साधक निमित्त मात्र है रचियता तो त्रिलोकीनाथ है उन्हीं को याद करते रहिए अच्छा कुछ लिखते रहिए इसी से आत्म सन्तोष मिलता इसी से व्यक्तित्व खिलता कलम अपनी चलाते रहिए सबको […]

बेटियाँ आँखों का नूर हैं, देश का कोहिनूर हैं बेटी को नहीं हम अब यूँ ठुकराते हैं बेटी का होना अब नहीं दुर्भाग्य मानते हैं बेटी दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती बन आती है बेटी घर में अमन चैन सुख शान्ति लाती है बेटियाँ आँखों का नूर हैं, देश का कोहिनूर हैं […]

आओ सब मिलकर हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाए। अपना ज्ञान बढ़ाए साथ में दूसरों का भी ज्ञान बढ़ाएं।। बढ़ता है हमेशा ज्ञान से ज्ञान,ये कभी भी नहीं घटता। जितना दोगे ज्ञान तुम सबको,उतना ही ज्यादा बढ़ता।। बना है विज्ञान विशेष ज्ञान से,जरा संधि विच्छेद तो देखो। मिलेगा नोबल पुरस्कार तुमको,शोध […]

की अपना देश है महान। जिसमें रहते सर्वधर्म इंसान। विश्व में अलग ही है पहचान। जिसे लोग कहते हिंदुस्तान। ये देश है बहुत महान।। जो नारी की लाज लूटते है। नहीं उनको देते है सम्मान। चाहे वो मुल्ला हो या महाराज। नहीं है देश में इनका स्थान। ये हिंदुस्तान छोड़ […]

जो तुमको बुरा कहे उसका तुम स्वागत करो जो तुम्हारी निंदा करे उसकी तुम प्रशंसा करो उसके मन मे आई बुराई जबान पर निंदा चढ़ आई मुझ पर किया उसने वार अस्वीकार किया मैंने प्रहार उसकी स्तिथि बिगड़ती गई मेरी स्तिथि बनती गई वह क्रोध से लाल हुआ मुझे क्रोध […]

हम जात पात में पड़े रहेंगे। और देश को बर्बाद करेंगे। दूसरे देश प्रगति को चुनेंगे। और विश्व में पहचान बनाएंगे।। गये थे जब अंग्रेज देश से तो जाती का बीज वो गये थे। जिससे आपसी भाई चारा देश में स्थापित न हो पाये। और लड़ते रहो आपस में जातीधर्म […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।