शांतचित सदा रहा कीजिए मन को न भटकाया कीजिए मस्तिष्क खाली न रहे कभी सद्चिन्तन करते रहो सभी व्यर्थ बातो से सदा दूर रहो नही किसी से द्वेष करो सदगुणों का समावेश करो चरित्र का अपने निर्माण करो व्यसन विकार मिटा दो सभी गैर को अपना बना लो अभी सबको […]

बापु तुम्हारी पुण्यतिथि पर तुमको क्या मै बताऊं, आज तिरंगा रो रहा है किस किस को मै समझाऊं । नाम किसानों का लेकर ये झंडा खालिस्तानी फहराते, शोरगुल व तोड़ फोड़ कर अपनी बाते मनवाना चाहते। अब तो तुम्हारे तीनों बंदर भी गूंगे बहरे अंधे हो गए है, सत्य अहिंसा […]

आँसुओं के संग जब होती है ठठोली मुश्किल है समझना तब नैनों की बोली पिता दिखता है परेशान माँ लगती है बेचैन बहन दिनभर हँसती है रोती है सारी रैन भाई की आँखों में दिखता है तब ग़म का रेला निकट आती है जब बहन के विदाई की बेला अजीब-सी […]

नदियाँ खुद अपनी चाल से रास्ते बना लेती है। बड़े बड़े पहाड़ों को भी चीर कर आगे निकल जाती है। क्योंकि उन्हें अपनी आप पर विश्वास होता है। इसलिए उन्हें अदार से पूजा जाता है।। इरादे हो अगर नेक तो मंजिले स्वंय रास्ता दिखती है। और मुसाफिर को उसकी मंजिल […]

प्यार,भाईचारा बना रहे हर कोई अपना सगा रहे नही किसी से नफरत हो ऐसा सदभाव बना रहे दुःख सुख मे भागीदार हो एक दूसरे के मददगार हो अपनत्व एक मिशाल हो ऐसा अपना हिन्दुस्तान हो सबके सब धर्मानुयायी रहे सहिष्णुता जग मे फैलाते रहे अहिंसा जीवन आधार रहे शाकाहार सबका […]

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पुण्यतिथि विशेष ना कोई खड्ग था, ना ही कोई ढाल। तेरी लाठी ने ही बापू, कर दिया कमाल। आँधियाँ बुझा ना पाईं, बापू तेरी मशाल। फिरंगियों का तूने, किया था बुरा हाल। माँ भारती का तुमसे, देखा ना गया हाल। तोड़नी थीं बेड़ियां, गुलामी की हर हाल। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।