कुछ दिन पूर्व ही पढ़ा था किसी अखबार के पन्ने पर कि-एक दंपत्ति की शादी के बाद लगातार तीन बेटियां हुई और इस बार पिता को डर लग रहा था कि कहीं फिर से उसको एक बेटी और न……. इसलिए पिता परीक्षण केन्द्र पहुंचा और पत्नी को डॉक्टर को दिखाता […]

तुम्हीं से प्यार करते हैं तुम्हीं पे जाँ लुटाते हैं, मगर चाहत की ये बातें तुम्हीं से हम छुपाते हैं। कभी हम दूर जाते हैं कभी खुद पास आते हैं, यकीं खुद पे नहीं आता तभी तो आजमाते हैं। तुम्हीं से प्यार……….। मेरे दिल में रहोगे तुम सदा अहसास बनकर […]

उन्मुक्त नील गगन में, विचर रहे कुछ परिन्दे।                काश,हम भी उड़ पाते,                छोटे-छोटे पंख लग जाते                करते हम प्रेम चमन से। उन्मुक्त नील गगन में, विचर रहे कुछ परिन्दे। […]

मेरा भारत देश महान है, देश की ताकत किसान है.. पर भारत के किसानों की दशा पर मैं अक्सर सोचा करती हूँ, उनकी पीड़ा को महसूस कर मन ही मन रोया करती हूँ, सारे देश के पेट को जो है भरता वो ही क्यों आत्महत्या करके है मरता। सबकी अपनी […]

कारण   जो   बर्बादी   के  हैं, वही   पूछते   कारण   बोल। बेइमान    के  हाथ     तराजू, मनचाहे    बांटों    से  तौल॥ जिसकी लाठी भैंस उसी की, जंगलराज   हुआ    आबाद। डोली   उनके    ही   हाथों में, दुल्हन  नहीं क्यों  हो […]

बिखराव है, भटकाव है टकराव है ये जिंदगी, उम्र भर रिसता हुआ एक घाव है ये जिंदगी। मझधार में सिमटी हुई एक नाव है ये जिंदगी, शाम-सा मेला है जग बहकाव है ये जिंदगी। तक़दीर के हाथों, छला हुआ एक ख्वाब है ये जिन्दगी।             […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।