कुछ लोग ज़माने में यारों नफ़रत फैलाने वाले हैं। नींव हिले न हिले इनसे, दीवार हिलाने वाले हैं॥ कोई राम को गाली दे कोई रहीम को कोस रहा। फिर कैसे माना जाए कि अच्छे दिन आने वाले हैं॥ इन गद्दारों की बातों में सब कल की बातें भूल गए। हम […]
काव्यभाषा
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