कविता ने तुम्हारा कितना ख़्याल रक्खा है कि हर एक शब्द को सँभाल रक्खा है स्वर उठे तो नाज़ बने,व्यंजन उठे तो नखरे हर वर्तनी को करीने से देख-भाल रक्खा है हर मिसरे में घुल जाता है लावण्य तुम्हारा हर्फ़ों में छुपा मतलब क्या कमाल रक्खा है जो जवाब निकल […]
जिस आंगन में ना खेली लाडो, ना गूंजी इसकी किलकारी, वो क्या जाने..? कैसी होती है ये बेटियां…. :- माँ-बाप की जरा सी आह पर, खुलकर रोती है ये बेटियां, ऐसी होती है ये बेटियां…… :- माँ-बाप की गोद मे सर रखकर, सुकून से सोती हैं ये बेटियां, ऐसी होती […]
हवाएं जो बदली कि नाविक किधर गए। जो बहके थे कल मदमस्त आज पिघल गए। मुख मोड़ा था कल हमारी बेकशी पर, जुबां थी उनकी कहते हैं फिसल गए। अकेले हैं गुमसुम साथी अब बदल गए, समय जो पलटा दरबारी टहल गए। नक्कार खाने में तूती कोई सुनता नही वक्त […]
आल्हा छन्द* (हिन्दी भाषा पर) हम सबका अभिमान यही है , इससे सबकी है पहचान। सबसे प्यारी हिंदी भाषा, इसमें बसी हमारी जान।। मान बढ़ाती हम सबका यह, फिर भी इससे हम अनजान। सहज, सरल, मनभावन है ये, हिन्दुस्तां की ऊँची शान।। #कृष्ण कुमार सैनी”राज” दौसा,राजस्थान Post Views: 37
कौआ काला-काला | खोल लिया इसने अक्ल का ताला || काँव-काँव का राग सुनाता | पर कभी न धोखा खाता || कौआ काला-काला | इसका बड़ा बोलबाला || छत की मुंडेर पर काँव-काँव बोले | चुन्नू-मुन्नू के मन में मिश्री घोले || प्यारे-प्यारे मामा आयेंगे | चना-रेबडीं […]
स्वस्थ और अस्वस्थ के दो पहियों में पिस रहा है इंसान, एक तरफ भगवान है एक तरफ शैतान। उस रचनाकार की रचना देखो जिसने बनाया है इंसान करे है काम ऐसे ऐसे कर दिया जंगल बाग बगीचों को वीरान नदी नालों को भी न छोड़ा कैसे कमाये पैसे वो इसी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।