*मृण्मूर्ति* को निज गुरु मान   करता रहा नित शर संधान   संसृति से वो रहा विरत   अभ्यास साधना रही सतत   गुरु द्रोण चले जब वन विहार   संग कौरव पांडव राजकुमार   शब्द भेद से साधे बाण   प्रत्यक्ष को केसा प्रमाण   बाणों से भरा मुख […]

महकते खतो मे पैगामे उल्फत हो जरूरी तो नही। खूबसूरत हाथों मे  किस्मत भी हो जरूरी तो नही। हर प्यार भरी नजर  मोहब्बत की हो जरूरी तो नही। अच्छे लोगो से अच्छी सोहब्बत भी हो जरूरी तो नही। साथ रहने से,सदा कुरबत भी हो ये जरूरी तो नही। पैसा न […]

हिंदी हूँ मैं हिंदी भारत के माथे की बिंदी। कभी आसमान पर कभी रसातल पर घूमती अतरंगी हिंदी हूँ मैं हिंदी।। मुझे छोड़कर सेमिनारों में चलते अंगरीजी अक्षर न्यायालय के कामकाजों की मुझको नही खबर अपने ही देश तिरस्कृत होकर बन गई आज फिरंगी हिंदी हूँ मै हिंदी।। शेखी मारते […]

हाथों का श्रंगार ये मेंहदी। बाबुल का प्यार ये मेंहदी।। जैसे – जैसे ये गहरी होती, बनें प्रीत कि हार ये मेंहदी।। मेंहदी हाथों में शोभित हो, दे जाती आकार ये मेंहदी।। दो दिल में जान सी रहती, रंगो की बौछार ये मेंहदी।। खुशियों की सौगाते बाँटे, होती ना लाचार […]

14 जनवरी को ये दिन पवित्र पर्व के रूप में पूरे देश में “मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है, ये दिन का भारतीय खगोल, ज्योतिष, भौगोलिक, धार्मिक एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष महत्‍व पूर्ण हे ये जानकारी बहुत कम लोगो के पास हे, उस दिन सूर्य मकर […]

जब जब भी अन्याय हो होना चाहिए प्रतिकार अब शोषक चाहे अधर्मी हो या हो फिर सरकार जीने का हक सबको है है सब परमात्मा की सन्तान फिर किसी को क्या हक है छीने जो जीने का अधिकार जो जन रक्षा को हो समर्पित उनका हो भरपूर सम्मान जो जीता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।